कृष्णपाल राणा द्वारा बोर खनन हेतू निःशुल्क पानी चेक किया जाता है
कांकेर (पखांजूर )छत्तीसगढ़।। जल ही जीवन है, जल बिन सब सून। कांकेर जिले के सुदूर अंचल से बारदा पखांजूर निवासी कृष्णपाल राणा बहूभाषी, बहूमुखी प्रतिभा के धनी हैं। समाज सेवा, शिक्षा, लोकसाहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान निरंतर दिया जा रहा है। इतना ही नहीं इनके द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य सहित उड़ीसा, महाराष्ट्र में लगभग 300 से अधिक बोर खनन हेतू निःशुल्क पानी चेक किया गया है और पानी चेक करना
जारी रखा है। स्कूलों, कालेज, सरकारी कार्यालयों में, घरों या किसानों के कृषि कार्य में हो सभी जगह निःशुल्क पानी चेक किया जाता है। जब उनसे पूछा गया कि आप कब से और कैसे पानी चेक करते हैं तो कृष्णपाल राणा द्वारा बताया गया है प्रकृति से मुझे जो शक्ति मिला है उस शक्ति को लोगों की भलाई में उपयोग करने का प्रयास मेरे द्वारा किया जाता है। मैंने लगभग 20 वर्षों से पानी चेक करता हूं। नारियल, तार छड़ या पेड़ की टहनी से पानी का चेक किया जाता है। भूमि के अंदर पानी का लहर धार बन कर अंदर रहता है प्रकृति की इस शक्ति का उपयोग कर निःशुल्क पानी चेक किया जाता है और सफल परीक्षण किया जाता है। इससे लोगों को जो खुशी मिलती है वही खुशी मेरे लिए अनमोल पुरस्कार है। कृष्णपाल राणा को जहां भी बुलाया जाता है समय निकालकर पानी चेक किया जाता है। बहुत लोगों ने पानी निकलने पर उन्हें राशि या उपहार देने का प्रयास किया मगर उनके द्वारा कुछ भी नहीं लिया जाता है लोकहित में कार्य किया जा रहा है।
कृष्णपाल राणा ने समाज सेवा में भी बचपन से ही कार्य करना शुरू किया। बस्तर संभाग में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर, कैरियर मार्गदर्शन, कौशल विकास, प्रतियोगी परीक्षा, शिक्षा, उच्च शिक्षा,शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार, प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित कर निःशुल्क मार्गदर्शन किया जाता है। साहित्य के क्षेत्र में भी राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय स्तर पर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इनका लेख प्रकाशित हो चुकी है। लोक संस्कृति का संरक्षण करने में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। समाज सेवक के रूप में जनकल्याणकारी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
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