2 शिक्षकों का अनूठी पहल – ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड मे दिया जा रहा नवयुवको के लिए निशुल्क प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी
Miकहते हैं बच्चे कच्ची मिट्टी का लोंदा होता है हम कच्ची मिट्टी से कुछ भी वस्तु का निर्माण कर सकते हैं।उसी प्रकार शिक्षक भी अपने बच्चों को कुछ भी बना सकते हैं शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद दुर्ग व जांजगीर जिला के शिक्षक के. शारदा व पुष्पेंद्र कुमार कश्यप जिला सक्ति से है। कभी हार नहीं माना वह अपने कठिन परिश्रम से आज नवयुवक को पढ़ा रहे हैं वर्तमान में दोनों शिक्षकों द्वारा मिलकर ऑनलाइन मोड में प्रतियोगी परीक्षा का तैयारी करवा रहे हैं जिसमें विभिन्न जिला के बच्चे सेना ,शिक्षक, आर पी एफ, पुलिस, आदि का तैयारी जुड़कर कर रहे हैं ।प्रत्येक दिवस 2 घंटे ऑनलाइन कक्षा संचालन शाम मे किया जा रहा है तथा बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप शिक्षा शिखर बनाया गया है जिसमे रोजाना क्विज तैयार करके बच्चों को तैयारी करवाया जा रहा है। जिससे बच्चे लगातार पार्टिसिपेट कर रहे हैं और सप्ताह में साप्ताहिक परीक्षा भी लिया जा रहा है। गूगल क्विज के माध्यम से प्रति शनिवार को सप्ताह भर मैं पढ़ाए गए सिलेबस का क्विज लिया जाता है। जी.के. के क्वेश्चंस को व्हाट्सएप पोल के द्वारा क्वेश्चन सेंड किए जाते हैं क्वेश्चन सेंड किए जाते हैं। एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए एक बुक का भी निर्माण किया जिस जिस को बच्चों को निशुल्क ही 100 बुक्स भी बांटे और सभी बच्चों के लिए पीडीएफ को निशुल्क ही प्रदान किया। संपूर्ण खर्चा भी उन्होंने ही वहन किया।
दोनों शिक्षकों द्वारा अपने घर पर ऑफलाइन मोड पर भी बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा का तैयारी करवाया जा रहे हैं जिसमें बच्चे अधिक से अधिक संख्या में पार्टिसिपेट कर रहे हैं।