बौद्ध समाज ने एक गरीब विवाह योग्य युवती का सामाजिक रीति रिवाज से एवं संविधान की शपथ दिला कर आदर्श विवाह करवाकर समाज में एक नया संदेश देने का किया प्रयास, जिससे अन्य समाज के लोग भी प्रेरणा लेकर समाज मे ला सके बदलाव
छत्तीसगढ़, कांकेर:- दरअसल हम बात कर रहे हैं बौद्ध समाज कांकेर की जहा एक समाजजन के यहाँ विवाह योग्य युवती को देखने के लिए मानपुर मोहला से मेहमान आए थे दोनों पक्षो में आपसी रजामंदी भी हो गई, किंतु युवती के पिता ने विवाह करवा सकने में अक्षमता जाहिर कर समाज से सहयोग मांगकर विवाह संपन्न कराने का निवेदन किया, समाज द्वारा निवेदन को सहर्ष स्वीकार कर तत्काल एक आपातकालीन बैठक कांकेर के सुभाष वार्ड में आहूत कर निर्णय लिया गया कि समाज की बेटी है इसके विवाह का जिम्मा समाज वहन करेगा, उसके बाद निवेदक परिवार से सामंजस्य स्थापित कर बौद्ध रीति रिवाज से लड़की का विवाह मानपुर मोहला निवासी युवक से सम्पन्न कराया गया। विवाह की खास बात यह रही कि रीति अनुसार जो संस्कार विवाह में होने है वे तो हुए ही, किंतु विवाह में युगल जोड़ो ने भारतीय संविधान को साक्षी मानकर एवं संविधान की प्रस्तावना का शपथ ग्रहण कर एक सूत्र में बंधने का वचन लिया। सम्पादित विवाह कार्यक्रम में बड़े बुजुर्गो के आलावा बड़ी संख्या में समाज के महिला, पुरुष, बच्चो की उपस्थिति रही विवाह कार्यक्रम को सम्पन्न कराने में बीरबल गढ़पाले, मिथलेश मेश्राम, राधेश्याम गनवीर, विशेश्वर मेश्राम, कौशल किशोर ऊके, बलदेव नायक, कल्याण सिंह मेश्राम, एस. पी. रामटेके, अशोक ऊके, दिलीप खोब्रागडे, सुशीला गढ़पाले, ललिता गायकवाड़, मथुरा मेश्राम, तरुणा ऊके, पूर्णिमा गटकरी, प्रतिमा गनवीर एवं दोनों परिवार के परिजनों एवं समाज के प्रबुद्ध सदस्यों का भारी योगदान रहा।